CGBoard Class 12th Assignment05 Download kese | सीजी बोर्ड कक्षा 12वी के असाइनमेंट डाउनलोड करने का तरीका
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से इस माह के असाइनमेंट जारी कर दिए गए हैं| सभी विद्यार्थियों को इन असाइनमेंट के हल करना अनिवार्य है कक्षा 10वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को इन असाइनमेंट को दिए गए समय के अनुसार पूरा करना होगा| इन असाइनमेंट के पीडीएफ सभी विद्यार्थियों को cgbse.nic.in पर जाकर प्रश्न बैंक डाउनलोड कर सकते हैं| अगर आप सभी छात्रों के लिए आंसर का पीडीएफ हमारी वेबसाइट पर प्रोवाइड कर दिए गए हैं| यह असाइनमेंट हर माह को छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से दिए जा रहे हैं| इन असाइनमेंट के आंसर सटीक तरीके से हमारी इस वेबसाइट पर सभी सब्जेक्ट के प्रश्न उत्तर दिए जा रहे हैं|
असाइनमेंट के उत्तर किस प्रकार लिखना हैं|
यह असाइनमेंट सभी विद्यार्थियों के लिए छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की तरफ से दिए जा रहे हैं| कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों को सभी विषयों के उत्तर दिए गए हैं| जैसे इंग्लिश विज्ञान सामाजिक विज्ञान संस्कृत हिंदी जैसे विषय के पीडीएफ डाउनलोड करके उत्तर पुस्तिका में लिखने हैं|
यह असाइनमेंट राजस्थान बोर्ड की और से माह दिसंबर मैं जारी कराय गए हैं| सभी विषयों के प्रश्न उत्तर विद्यार्थियों को अच्छे से बढ़कर लिखना होगा| इसमें छात्रों को मात्राओं, एवं पुणग्राम पर ध्यान देना है| हर विषयो के प्रश्नों के उत्तर दी गई शब्द सीमा के अनुसार लिखना अवश्यक है|, यह असाइनमेंट रेगुलर सभी विद्यार्थियों को हर माह छत्तीसगढ़ वोड की ओर से दिए जा रहे हैं| इन असाइनमेंट के मार्क्स आपकी वार्षिक परीक्षा के समय कोरोना वायरस ओमिक्राॅन के संक्रमण बढ़ जाने की वजह से पेपर कंडक्ट नहीं हो पाए तो| दूसरी और छत्तीसगढ़ बोर्ड की तरफ से हर माह के असाइनमेंट ओके अंक को एकत्रित कर रिजल्ट जारी कराऐ जा सकेंगे|
निर्देश :- असाइनमेंट लिखते समय इस बातों पर ध्यान रखना चाहिए
1. सही विद्यार्थियों को इन असाइनमेंट ओके उत्तर दी गई शब्द सीमा के अनुसार लिखना होगा|
2. सही विद्यार्थियों को असाइनमेंट के प्रश्नों को अच्छे से पढ़ कर उनको हल करना है|
3. विद्यार्थियों के लिए इन असाइनमेंट के प्रश्नों को पढ़कर इनके उतर क्रम बाईज लिखना है|
4. इन असाइनमेंट के प्रश्न उत्तर लिखते समय लेके ब्लू पेन का ही उपयोग करना है, जिस विषय के प्रश्नों के साई राम पूछे गए हैं उसमें कैंसिल का प्रयोग करना आवश्यक है|
5. हसना के उत्तर (पेराग्राफ) लिखते समय उत्तर बड़ा हो तो उसे पॉइंट में लिखने का प्रयास करें|
6. अत्तर पूरा हो जाने के बाद उस कृष्ण के उत्तर की मात्राओं को विशेष ध्यान देकर सुधारना चाहिए|
प्रश्न 1. गांधी जी को किन घटनाओं ने एक राष्ट्रवादी एक सच्चे राष्ट्रीय नेता की छवि प्रदान की थी|
उत्तर – गांधी जी 24 साल की उम्र में दक्षिण अफ्रीका पहुंचे| उन्होंने अपने जीवन के 21 दक्षिण अफ्रीका में बताएं जहां उनके राजनैतिक विचार और नेतृत्व कौशल का विकास हुआ| दक्षिण अफ्रीका में उनको गंभीर नस्ली भेदभाव का सामना करना पड़ा| दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों पर हो रहे अन्याय को देखते हुए उनके मन में ब्रिटिश साम्राज्य के अंतर्गत भारतीयों के समान तथा स्वयं अपनी पहचान से संबंधित प्रश्न उठाने लगे| उन्होंने भारतीयों की नागरिकता समाजिक संबंधित मूद्दे को भी दक्षिण अफ्रीका सरकार के सामने उठाया और सन 1906 के जुलू युद्ध में भारतीयों को भर्ती करने के लिए ब्रिटिश अधिकारियों को सक्रिय रूप से प्रेरित किया| गांधी जी के अनुसार अपनी नागरिकता के दावों को कानूनी जामा पहचानने के लिए भारतीयों को ब्रिटिश युद्ध प्रयासों मैं सहयोग देना चाहिए|
प्रश्न 2. राष्ट्रीय भाषा बनाने के लिए एक भाषा में क्या-क्या विशेषताएं होनी चाहिए|
उत्तर – किसी भी देश या राष्ट्र द्वारा किसी भाषा को जब अपने किसी राजकार्य के लिए भाषा घोषित किया जाता है या अपनाया जाता है तो उसे राष्ट्र भाषा जाना जाता है। अर्थात जब कोई देश किसी भाषा को अपनी राष्ट्र की भाषा घोषित करता है तो उसे ही राष्ट्र भाषा के लिए जाना जाता है।
राष्ट्र भाषा की विशेषताएं :-
1राष्ट्रभाषा देश में बहुसंख्यक लोगों की भाषा होती है।
(2) राष्ट्रभाषा सीखने में सरल होती है तथा इसकी लिपि वैज्ञानिक होती है।
(3) राष्ट्रभाषा संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त होती है।
(4) यह देश में शिक्षा व समाचार-पत्रों की भाषा होती है।
(5) यही राजभाषा और सम्पर्क भाषा हो सकती है
प्रश्न 3. गांधी जी का असहयोग आंदोलन एक तरह का प्रतिरोध था कैसे अपने बात की पुष्टि कीजिए|
उत्तर – असहयोग आंदोलन 1920 में महात्मा गाँधी के नेतृत्व में चलाया गया। यह अंग्रेजी शासन तथा सरकार की गलत नीतियों के विरुद्ध एक व्यापक जन-प्रतिरोध था:
असहयोग आंदोलन एक तरह का प्रतिरोध इसलिए था क्योंकि ब्रिटिश सरकार द्वारा थोपे गए रॉलेट एक्ट जैसे कानून के वापस लिए जाने के लिए जनआक्रोश या प्रतिरोध अभिव्यक्ति का लोकप्रिय माध्यम था।
असहयोग आंदोलन इसलिए भी प्रतिरोध था, क्योंकि यह ख़िलाफत आंदोलन को सहयोग करके देश के दो प्रमुख धार्मिक समुदायों-हिंदू और मुसलमानों को मिलाकर औपनिवेशिक शासन के प्रति जनता के सहयोग को अभिव्यक्त करने का माध्यम था।
असहयोग आंदोलन इसलिए भी प्रतिरोध था, क्योंकि इसके द्वारा सरकारी नौकरियों, उपाधियों अवैतनिक पदों, सरकारी अदालतों, सरकारी संस्थाओं आदि का बहिष्कार किया जाना था। विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करके, सरकार द्वारा आयोजित चुनावों में भाग न लेकर, सरकारी करों का भुगतान न करके तथा सरकारी कानूनों की शांतिपूर्ण ढंग से अवहेलना करके ब्रिटिश शासन के प्रति अपना प्रतिरोध प्रकट करना चाहते थे।
असहयोग आंदोलन इसलिए भी प्रतिरोध आंदोलन था, क्योंकि राष्ट्रीय नेता उन अंग्रेज़ अधिकारियों को कठोर दंड दिलाना चाहते थे जो अमृतसर के जालियाँवाला बाग में शांतिपूर्ण प्रदर्शन में शामिल प्रदर्शनकारियों पर होने वाले अत्याचार के उत्तरदायी थे। उन्हें सरकार ने कई महीनों के बाद भी किसी प्रकार का दंड नहीं दिया था।
असहयोग आंदोलन ने सरकारी अदालतों का बहिष्कार करने के लिए सर्व साधारण और वकीलों को आह्वान किया। गाँधी जी के इस आह्वान पर वकीलों ने अदालतों में जाने से मना कर दिया।
इस व्यापक लोकप्रिय प्रतिरोध का प्रभाव अनेक कस्बों और नगरों में कार्यरत श्रमिक वर्ग पर भी पड़ा। वे हड़ताल पर चले गए। जानकारों के अनुसार सन् 1921 में 396 हड़ताले हुईं जिनमें 6 लाख श्रमिक शामिल थे और इससे 30 लाख कार्य-दिवसों की हानि हुई।
असहयोग आंदोलन का प्रतिरोध देश के ग्रामीणों क्षेत्र में भी दिखाई दे रहा था। उदाहरण के लिए, उत्तरी आंध्र की पहाड़ी जन-जातियों ने वन्य कानूनों की अवहेलना कर दी। अवध के किसानों ने कर नहीं चुकाया। अवध के किसानों ने औपनिवेशिक अधिकारियों का सामान ढ़ोने से साफ मना कर दिया।
प्रश्न 4. भारतीय संविधान की परिभाषा लिखते हुए इसे निर्माण में योगदान देने वाले हिंदी छ: व्यक्तियों की भूमिका समझाइए|
उत्तर – 1. डॉ वी आर अंबेडकर:
डॉ वी आर अंबेडकर 14 अपैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में पैदा हुए थे। वह आजीवन समाज में व्याप्त भेदभाव और अस्पृश्यता के खिलाफ लड़ते रहे। भारतीय लोकतंत्र में अंबेडकर का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। डाॅ. भीमराव अंबेडकर ने ही भारतीय संविधान (Indian Constitution) तैयार किया था।
2. पंडित जवाहर लाल नेहरू:
हमारे पहले प्रधानमंत्री थे नेहरू। हम इन्हीं के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में 14 नवंबर को मनाते हैं। ये संविधान सभा में राज्यों की समिति, संघीय शक्ति समिति और संघीय संविधान समिति के अध्यक्ष थे। इन्हें आधुनिक भारत का निर्माता कहा जाता है।
3.सरदार वल्लभ भाई पटेल:
लौहपुरुष के नाम से विख्यात सरदार पटेल मूलभूत अधिकारों, अल्पसंख्यक और कबाइली क्षेत्रों की सलाहकार समिति के अध्यक्ष थे। संविधान के निर्माण और भारत को आजादी के बाद एक झंडे के तले लाने में इनकी भूमिका सर्वोपरि है।
आचार्य जे बी कृपलानी
इन्हें आचार्य कृपलानी के नाम से जाना जाता है। ये संविधान सभा में मूलभूत अधिकारों की उपसमिति के अध्यक्ष थे। इनका जन्म 11 नवंबर 1888 को हुआ था।
4. सरोजिनी नायडू:
भारत कोकिला के नाम से मशहूर सरोजिनी नायडू संविधान सभा की सदस्या थीं। वे संविधान सभा की पहली बैठक में मौजदू थीं। बंगाल विभाजन के दौरान ये कांग्रेस में शामिल हुईं और आजादी की लड़ाई में सक्रिय रहीं।