Air India Handover, एअर इंडिया की घर वापसी | आखिर क्यों नहीं खत्म हो रहा टाटा ग्रुप का इंतजार जानिए बुरी खबर

Air India Handover : क्यों खत्म नहीं हो पा रहा है टाटा का 69 वर्ष से इंतजार, एअर इंडिया की घर वापसी चल सकती है


एयर इंडिया को किस कारणवश नहीं सौंपा जा रहा है टाटा के हाथ एयर इंडिया के अंतिम समय में मिल रहे कुछ अपडेट से पता चल रहा है की 69 साल से टाटा कंपनी का इंतजार अभी तक खत्म नहीं हो रहा है सूत्रों के अनुसार कहा जा रहा है एयर इंडिया को शुक्रवार के दिन सौंपी जा सकती है टाटा के हाथ



Hue Wapasi Maharaja Ki Ghar Me :

नीलामी के बाद पूर्व वर्ष एयर इंडिया (Air India) को टाटा समूह (Tata Group) को सोपे जाने की प्रक्रिया जारी है| यह प्रक्रिया पहले ही हो रही थी लेकिन कोरोना वायरस की अर्चनानो कारण अभी तक यह प्रक्रिया नहीं हो पा रही है| अब कुछ समय पूर्व मिली नोटिफिकेशन अनुसार लग रहा है की 69 साल बाद टाटा को इस साल सरकार के द्वारा सौंपा जाएगा अधिकारियों का कहना है कि एयर इंडिया को टाटा के हाथों में शुक्रवार को सौंपा जाएगा|


सरकार द्वारा नीलामी साडे सड़े महीने पहले कराई गई थी :

पूर्व वर्ष नीलामी में टाटा समूह और स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह ने बोलियां लगाकर एयर इंडिया को अपने अधीन कर लिया| 18 हजार करोड़ रुपए की बोली नीलामी में टाटा समूह की ओर से उच्च स्तर लगाई गई| 8 अक्टूबर को सरकार के अंतर्गत यह ऐलान कर दिया गया की नीलामी में सफल (उत्तम) बोली टाटा समूह की चुनी गई है| सरकार ने इस उत्तम नीलामी के बाद एलान कर पचेज एग्रीमेंट (Share Purchase Agreement) में 25 अक्टूबर को साइन किया गया था|

एयर इंडिया को सोफे जाने मैं जो बाधाएं आ रही थी उन्हें दूर कर दी गई है इस बात की पुष्टि कल बुधवार अधिकारियों की ओर से साफ कर दी गई| उन्होंने कहा एयर इंडिया को टाटा के हाथों में शुक्रवार के दिन सौंप सकती है इसके तहत सारी औपचारिकताएं हो गई है| यह भी कहा गया एयर इंडिया को सरकार टाटा के हाथों में पहले ही सोच रही थी| अब नोटिफिकेशन मिलने के अनुसार एयर इंडिया को शुक्रवार को सौंप दिया जा सकता है|


महाराजा का सफर 90 वर्ष पूर्व का है

आजादी के पहले एयर इंडिया की भारत में हो चुकी थी शुरुआत| दिग्गज उद्योगपति जाने-माने जेआरडी टाटा (JRD TATA) के लिए एयरलाइन सेक्टर में बेहद तेजस्वी थी| इनके द्वारा 1930 दो मैं पहली एयरलाइन कंपनी का गठन भारत में इन्हीं के द्वारा किया गया | उस समय यह कंपनी दो लाख रुपए की पूंजी से शुरू वह कंपनी एअर पार्सल देती थी| जेआरडी टाटा ने पहली बार उड़ान कराची से मद्रास (चेन्नई) तक की भरी थी|


एयर इंडिया के साथ टाटा समूह का विस्तार:

विस्तारा (Vistara) और एयर एशिया इंडिया (Air Asia India) यह दो एयरलाइन कंपनी पहले से ही है टाटा ग्रुप के पास| अबे एअरइंडिया को भी किया जाएगा शामिल| टाटा समूह की सब्सिडियरी Talace Private Limited Limited को जोड़ा जा रहा है| ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी एआईएसएटीएस (Aisata) को 50 फिसदी शेयर की डील करी गई है| टाटा के साथ अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए 1,800 लैंडिंग एवं पार्किंग स्लॉट, घरेलू एयरपोर्ट घरेलू उड़ानों के लिए 4,400 और विदेशी हवाई अड्डा के 900 स्लॉट लिए है|


टाटा समूह का साथ किस प्रकार बना रहा सरकारी हो जाने के बाद भी:

1946 में एयर इंडिया (Air India) नाम दिया गया इससे पहले टाटा एयरलाइंस था| तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) ने आजादी के समय बाद सरकार ने वर्ष 1953 मैं राष्ट्रीयकरण एयर इंडिया (Nationalisation of Air India) कर दिया गया| इसके बाद भी टाटा समूह का साथ नहीं छूटा वह एयर इंडिया के साथ जुड़े रहे| एअर इंडिया के चेयरमैंन जेआरडी टाटा 1977 तक रहे| बाद में मोरारजी देसाई (Morarji Desai) तत्कालीन प्रधानमंत्री बनने के बाद उनका जेआरडी टाटा से विवाद होने के कारण एयर इंडिया से अलग हो गए|




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