CM की कोरोना पर बैठक :पहली से 12वीं तक के स्कूल 31 जनवरी तक बंद रहेंगे, रैलियों पर भी रोक;
CM का फैसला बोर्ड परीक्षा भी रद्द
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 31 जनवरी तक सभी स्कूलों को बंद रखने का ऐलान कर दिया है। सभी तरह की रैलियों पर भी रोक लगा दी गई है। सीएम शिवराज ने शुक्रवार को क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी की बैठक ली। इसमें कहा- कोरोना की तीसरी लहर में संक्रमितों की संख्या लगातार तेजी से बढ़ रही है। आज जरूरी है कि कुछ जिलों की समीक्षा करें। संक्रमण की रफ्तार रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।
इससे पहले इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने सुझाव रखा कि सख्ती बढ़ाने से कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम हो सकती है। सख्ती नहीं बढ़ाई तो रोजाना 10 हजार केस आएंगे।
गांवों तक पहुंची थर्ड वेव कोरोना का कहर गांव में भी
कोरोना की थर्ड वेव मध्यप्रदेश के शहरों से लेकर गांवों तक फैल चुकी है। इसने सरकार को चिंता में डाल रखा है, इसलिए सीएम राज्यस्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक ले रहे हैं। शिवराज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ग्रामीण स्तर के जिम्मेदारों के साथ चर्चा कर रहे हैं।
मध्यप्रदेश के सभी जिलों में कोरोना पांव पसार चुका है। हर जिले में एक्टिव केस हैं। प्रदेशभर में कोरोना पॉजिटिविटी रेट लगातार बढ़ रहा है। 2 जनवरी को क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक हुई थी। इस दिन कोरोना का पॉजिटिविटी रेट 0.36 प्रतिशत रेट था। 13 जनवरी को प्रदेश में पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 5.15 प्रतिशत हो गया है। 11 दिन बाद पॉजिटिविट रेट में 4.79 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि ऐसे में मुख्यमंत्री प्रदेश में पाबंदियां भी बढ़ाने के लिए निर्देश जारी कर सकते हैं।
कोरोना के मिल रहे 17 हजार से अधिक मिले नए मरीज
कोरोना के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। 21 नवंबर को 85 केस थे। 2 जनवरी को पॉजिटिव केस की संख्या बढ़कर 608 हुई। अब यह संख्या 17,652 हो चुकी है। 11 दिन में 17 हजार से अधिक नए मरीज मिले हैं। तीसरी लहर बच्चों को भी तेजी से चपेट में ले रही है।
शिवराज की कथनी और जिम्मेदारों की करनी अलग-अलग
2 जनवरी को शिवराज ने कहा था कि हमारे मंत्रिगण, सांसद कोरोना से मुकाबले में साथ देने वाले सभी लोग मिलकर तीसरी लहर का मुकाबला करेंगे, इसे रोकेंगे, लेकिन हकीकत कुछ और दिखाई दे रही है। यही लोग कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाते दिख रहे हैं। सामाजिक और राजनीतिक आयोजनों में शामिल हो रहे हैं, जिससे प्रोटोकॉल का पालन नहीं हो पा रहा है।